- Dinesh Ghate ‘Jain’ | dinesh@swaraalap.com
दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚, आप सà¤à¥€ संगीत के चाहनेवालों को मेरी तरफ से शà¥à¤¦à¥à¤§ देसी नमसà¥à¤•à¤¾à¤°à¥¤ कोविड काल में सà¤à¥€ की तरह हमने à¤à¥€ कोशिश की थी गीत और संगीत के ज़रिये मितà¥à¤°à¥‹à¤‚, शà¥à¤à¤šà¤¿à¤‚तकों, परिवार और अपने आप का मनोबल बनाये रखने की। कà¥à¤› हद तक हम इसमें कामियाब à¤à¥€ रहे। गीत उतà¥à¤¸à¤µ सीरीज़ का जनà¥à¤® उसी दौरान हà¥à¤†à¥¤ चलिठसà¥à¤µà¤° आलाप डिजिटल के ज़रिये अब हम इस सीरीज़ को गीत और संगीत की सौगात देनेवाले उन तमाम कलाकारों को याद करके मनाà¤à¤‚गे। तो जनवरी से शà¥à¤°à¥‚ करते हैं।
हाà¤, सबसे पहले यह बता दूठके सà¥à¤µà¤° आलाप का सबसे पहला शो हमने किया था 15 जनवरी 2003 को। और मेरा पहला सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ रहा पà¥à¤²à¥‡à¤¬à¥ˆà¤• सिंगर सà¥à¤¦à¥‡à¤¶ à¤à¥‹à¤¸à¤²à¥‡ साहब के साथ सà¥à¤Ÿà¥‡à¤œ शेयर करने का। बड़ी ही आतà¥à¤®à¥€à¤¯à¤¤à¤¾ के साथ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने इस शो में à¤à¤¾à¤— लिया। परकशन वादक कावस लॉरà¥à¤¡ और बास गिटार वादक टोनी वाज़ के समà¥à¤®à¤¾à¤¨ में उनका शानदार परफॉरमेंस à¤à¥€ रहा।
अà¤à¥€ हाल ही में 29 जनवरी 2023 को यही नेकदिल इनà¥à¤¸à¤¾à¤¨, à¤à¤• जज़à¥à¤¬à¤¾à¤¤à¥€ दोसà¥à¤¤ और शानदार कलाकार सà¥à¤¦à¥‡à¤¶ à¤à¥‹à¤¸à¤²à¥‡ को शà¥à¤°à¥€ मंगलपà¥à¤°à¤à¤¾à¤¤ लोà¥à¤¾ (Minister of Ministry of Tourism), शà¥à¤°à¥€ दीपक केसरकर (Minister of Ministry of education) के करकमलों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ मà¥à¤‚बई के होटल हयात सेंटà¥à¤°à¤¿à¤• में पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ित “महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° रतà¥à¤¨ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•à¤¾à¤° 2023” से समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ किया गया। इस कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® को à¤à¤µà¥à¤¯ रूप देने के लिठमहासेवा आरà¥à¤—ेनाइजेशन के साथ टà¥à¤°à¥€à¤ª-ऑन पà¥à¤°à¥€à¤®à¤¿à¤¯à¤® कॉफ़ी, सवानी हेरिटेज कंज़रà¥à¤µà¥‡à¤¶à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤µà¥‡à¤Ÿ लिमिटेड का सहयोग रहा। रेड आंट PR पारà¥à¤Ÿà¤¨à¤° थे। यह पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•à¤¾à¤° उतà¥à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤Ÿ उदà¥à¤¯à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ और वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को उनके संबंधित उदà¥à¤¯à¥‹à¤—ों में उनकी उपलबà¥à¤§à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठमानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ देता है। इनके अपने कारà¥à¤¯ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ समरà¥à¤ªà¤£ ने देश और पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ को गौरवानà¥à¤µà¤¿à¤¤ किया है। सà¥à¤¦à¥‡à¤¶ जी, फिर à¤à¤• बार आपको बधाई और सà¥à¤µà¤° आलाप के साथ 20 वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से आपका सहयोग, हम आपके आà¤à¤¾à¤°à¥€ रहेंगे।
चलिठअब जनवरी में सबसे पहले याद करते हैं à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• फिलà¥à¤®à¤•à¤¾à¤° बिमल रॉय को, उनकी पà¥à¤£à¥à¤¯à¤¤à¤¿à¤¥à¤¿ है 8 जनवरी 1966। अपनी कहानी छोड़ जा, कà¥à¤› तो निशानी छोड़ जा, कौन कहे इस ओर, तू फिर आठना आà¤, मौसम बीता जाठमौसम बीता जाअ। सोवियत रेड आरà¥à¤®à¥€ मारà¥à¤š की धà¥à¤¨ पर यह जोशीला गीत सलील चौधरी के संगीत निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤¨ में रचा गया था। यह गीत और उसके शबà¥à¤¦ बिमल रॉय की फिलà¥à¤® बनाने की शैली के लिठà¤à¤• आदरà¥à¤¶ रूप पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤¤ होता है। इसके अलावा उनकी दूसरी फिलà¥à¤® दो बीघा जमीन’1953 के साथ उनकी मà¥à¤¹à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सिनेमा के इतिहास में सà¥à¤¥à¤¾à¤¯à¥€ हो गई थी।
वैसे तो मेरा अपना गाà¤à¤µ à¤à¥€ मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ का खंडवा शहर है जो साकà¥à¤·à¤¾à¤¤ किशोरदा के कारण दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤à¤° में पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ है। 9 जनवरी 1926 अनूप कà¥à¤®à¤¾à¤° (अà¤à¤¿à¤¨à¥‡à¤¤à¤¾ और किशोरदा के बड़े à¤à¤¾à¤ˆ) का जनà¥à¤®à¤¦à¤¿à¤¨ है। अचानक याद ताज़ा हो गयी जब हमने सà¥à¤µà¤° आलाप का à¤à¤• शानदार कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® “1946 तो 1964 Immortal Kishore” मà¥à¤‚बई के रविंदà¥à¤° नाटà¥à¤¯ मंदिर में किया था। और चलती का नाम गाड़ी के गानों ने मनीष जोशी और डॉ राहà¥à¤² जोशी के साथ धूम मचाई थी।
मेरा सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ रहा हिनà¥à¤¦à¥€ सिनेमा के सà¥à¤ªà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ गीतकार क़मर जलालाबादी के हाथों सà¥à¤µà¤° आलाप के लिठआशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ के दो शबà¥à¤¦ लेने का। उनकी पà¥à¤£à¥à¤¯à¤¤à¤¿à¤¥à¤¿ है 9 जनवरी 2003। पर देखिये, उनके लिखे गीत आइये मेहरबान, मेरा नाम चीन चीन चूं और डम डम डिगा डिगा जैसे गाने हमारी रोज़मरà¥à¤°à¤¾ की ज़िंदगी का हिसà¥à¤¸à¤¾ हैं।
और कà¥à¤› दिन पहले सितार वादक सà¥à¤µ. जयराम आचारà¥à¤¯ के सà¥à¤µà¤° आलाप कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® के वीडियो à¤à¤¡à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤‚ग के दौरान याद आ गयी औलिया संगीतकार अनà¥à¤¨à¤¾ साहब की। आचारà¥à¤¯ साहब से मैं तब मिला जब वो संगीतकार सी रामचंदà¥à¤° के निवास सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर माटà¥à¤‚गा में रहते थे। और लौट कर आते वक़à¥à¤¤ ले कर आया उनके संगीतबदà¥à¤§ किये गठगीतों में बजायी गयी तबले की à¤à¤• जोड़ी।
29 जनवरी के ही दिन साल 1906 हम कलाकारों को शायद महोतà¥à¤¸à¤µ के रूप में मनाना चाहिà¤à¥¤ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• संगीत अरेंजर सेबेसà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¤¨ डिसूज़ा साहब का जनà¥à¤®à¤¦à¤¿à¤µà¤¸à¥¤ याने कि अगर à¤à¤• कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® हम सिरà¥à¤« सेबेसà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¤¨ साहब के हिनà¥à¤¦à¥€ फ़िलà¥à¤® संगीत में उनके योगदान पर करें ना तो शायद à¤à¤• महीना à¤à¥€ कम पड़ सकता है। शंकर जयकिशन, सलील चौधरी और नयà¥à¤¯à¤° साहब के सदाबहार गानों की लिसà¥à¤Ÿ बना लीजिये और बस याद कीजिये सेबेसà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¤¨ साहब को।
दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚, खूबसूरत यादों का कोई मोल नहीं होता। ख़ैर अà¤à¥€ तो 2023 शà¥à¤°à¥‚ ही हà¥à¤† है। सà¥à¤µà¤° आलाप के 20 वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ की यादों का मेला लेकर बैठा हूà¤, तब तक के लिठफिर à¤à¤• बार शà¥à¤¦à¥à¤§ देसी नमसà¥à¤•à¤¾à¤°à¥¤